बिहार की ‘सोलर दीदी’ कौन है, प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में किया जिक्र

मुजफ्फरपुर की ‘सोलर दीदी’ बनीं देवकी जी, प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में किया जिक्र

मुजफ्फरपुर।

बिहार की धरती पर महिलाओं ने समय-समय पर अपनी लगन और नवाचार से समाज को नई दिशा दी है। इसी कड़ी में जिले की देवकी जी ने सौर ऊर्जा को किसानों की आर्थिक समृद्धि से जोड़कर एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने यह साबित कर दिया है कि सौर ऊर्जा केवल बिजली उत्पादन का साधन नहीं, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने का सशक्त जरिया भी बन सकती है।



देवकी जी के इस नवाचार की सराहना स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में की। प्रधानमंत्री ने कहा कि देवकी जी ने सौर ऊर्जा के उपयोग से ग्रामीण किसानों के लिए नई राह दिखाई है और यह दिखाया है कि ग्रामीण महिलाएं भी तकनीक और नवाचार में पीछे नहीं हैं। प्रधानमंत्री के इस उल्लेख के बाद देवकी जी का नाम पूरे राज्य में तेजी से चर्चा का विषय बन गया।

देवकी जी ने अपने खेतों और घर में सौर पैनल लगाकर इसका उपयोग सिर्फ घरेलू जरूरतों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि खेती-किसानी में भी इसे अपनाया। सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों की मदद से उन्होंने न केवल सिंचाई की समस्या का समाधान किया, बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर आय का नया स्रोत भी तैयार किया। इससे न सिर्फ उनका जीवन स्तर बदला, बल्कि आसपास के किसान भी उनसे प्रेरणा लेने लगे।

गांव-गांव में लोग अब उन्हें ‘सोलर दीदी’ के नाम से पुकारने लगे हैं। उनके प्रयासों से ग्रामीण महिलाओं और किसानों को यह संदेश मिल रहा है कि नवीकरणीय ऊर्जा अपनाकर न केवल पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता भी हासिल की जा सकती है।

स्थानीय प्रशासन और ऊर्जा विभाग ने भी देवकी जी के इस कार्य की सराहना की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के मॉडल को बड़े पैमाने पर अपनाया जाए तो खेती की लागत घटेगी, किसानों की आमदनी बढ़ेगी और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।

देवकी जी की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि इच्छाशक्ति और नवाचार के बल पर ग्रामीण महिलाएं समाज में बड़े बदलाव की धुरी बन सकती हैं।

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