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काशी में मसान  होली, विश्वनाथ मंदिर में होली का खास उत्सव
समाचार संपादक
मसान होली उत्तर प्रदेश के काशी शहर में मनाई जाने वाली एक प्रसिद्ध होली है। इस होली को मसान होली इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे मसान घाट पर मनाया जाता है जो एक श्मशान घाट है।
इस होली में लोग मसान घाट पर जाते हैं और वहां पर एक अनोखा रंगों का उत्सव मनाते हैं। लोग एक दूसरे पर रंग-बिरंगे पाउडर फेंकते हैं और एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं देते हैं।
मसान होली एक पुरानी परंपरा है जो काशी में पारंपरिक रूप से मनाई जाती है। इस होली के दौरान लोगों के बीच एकता और भाईचारे का माहौल होता है। इस होली को बहुत ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है।काशी में मशान होली एक विशेष प्रकार की होली है जो विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मशान गणेश मंदिर में मनाई जाती है। यह होली उन लोगों द्वारा मनाई जाती है जो हरिद्वार से लेकर वाराणसी तक पैदल चलते हुए आते हैं।
मशान होली का अर्थ है “मिट्टी की होली” यानी इस होली में लोग अपने शरीर पर मिट्टी लगाकर रंग-बिरंगे पाउडर से भरे बल्लों को फेंकते हैं। इस त्योहार में समस्त वर्गों के लोग भाईचारे और उत्साह के साथ मिलकर मनाते हैं।
विश्वनाथ मंदिर में मशान होली का खास उत्सव मनाया जाता है। इस दिन विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव के चारों दिशाओं से चार महाकाल पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन लोग बाबा काल भैरव के दर्शन के लिए मशान गणेश मंदिर भी जाते हैं।
काशी में भस्म होली भी मशहूर होली है जो मशान होली के बाद अगले दिन मनाई जाती है। इस होली में लोग अपने शरीर को भस्म लगाकर रंग-बिरंगे पाउडर से भरे बल्लों को फेंकते हैं। इस होली में भस्म के साथ समेत गुलाल और अन्य रंग-बिरंगे पाउडर भी इस्तेमाल किए जाते हैं।
इस त्योहार का इतिहास बहुत पुराना है और कहा जाता है कि भगवान शिव भी इस होली के रंगों में खेलते थे। यह होली भी मशान होली की तरह लोगों के बीच भाईचारे और उत्साह का प्रतीक है जो अनेक वर्षों से मनाया जा रहा है।
भस्म होली के दौरान भगवान शिव के मंदिर में भी अलग-अलग पूजाएं होती हैं। भस्म होली का उत्सव प्रातःकाल से शुरू होता है जब लोग अपने घरों से निकलकर मंदिर में जाते हैं। यह होली आमतौर पर फरवरी या मार्च में मनाई जाती है।होली भारत में सबसे रंगीन और उत्साहजनक त्योहारों में से एक है। यह त्योहार फाल्गुन मास के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली का महत्व भारत की संस्कृति, परंपराओं और धर्म से जुड़ा हुआ है।
होली का महत्व विभिन्न तत्वों से जुड़ा हुआ है। इस त्योहार के दौरान लोग एक दूसरे को गुलाल, अबीर, पानी आदि रंगीन पदार्थों से रंगते हैं। यह रंगों का खेल और खुशी का प्रतीक होता है। इसके अलावा, होली का त्योहार लोगों को एक दूसरे के साथ खुशियों के पल साझा करने का मौका देता है।
इस त्योहार को विभिन्न नामों से जाना जाता है। उत्तर भारत में इसे होली के नाम से जाना जाता है जबकि दक्षिण भारत में यह त्योहार पूर्णिमा के दिन होलिका दहन के नाम से भी जाना जाता है।
भारतीय धर्म के अनुयायी होली को प्रकृति का त्योहार भी मानते हैं। इस दिन लोग पूजा करते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। होली का त्योहार भारत में एक बहुत ही महत