दिल्ली: राहुल गांधी ने  कोलंबिया भाषण में क्या कहा जो भड़क गए बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन

दिल्ली: राहुल गांधी ने  कोलंबिया भाषण में क्या कहा जो भड़क गए बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन

दिल्ली, 3 अक्टूबर 2025 (एजेंसी संवाददाता):

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के कोलंबिया विश्वविद्यालय में दिए गए हालिया विवादास्पद बयानों ने राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने शुक्रवार को राहुल गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वे हर विदेश यात्रा पर भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बदनाम करने पर तुले हुए हैं। हुसैन ने इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताते हुए कांग्रेस नेता पर एक “निरक्षर एजेंडे” के तहत देश की छवि खराब करने का आरोप लगाया


भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हुसैन ने राहुल गांधी के कोलंबिया भाषण का जिक्र करते हुए कहा, “राहुल गांधी इस बात पर अड़े हैं कि जब भी वे विदेश जाएंगे, भारत को बदनाम करेंगे। भारत के लोकतंत्र की चर्चा पूरी दुनिया में होती है, भारत में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं लेकिन वे विदेश जाकर भारत का अपमान करते हैं… यह किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है।” उन्होंने आगे जोड़ा, “जब आपातकाल लगाया गया था तब लोकतंत्र को खतरा था, आज लोकतंत्र पूरी तरह से मजबूत है लेकिन राहुल गांधी एक एजेंडे के तहत भारत को बदनाम करना चाहते हैं जो कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है।”
राहुल गांधी का कोलंबिया भाषण: लोकतंत्र पर ‘हमला’ का आरोप
राहुल गांधी ने गुरुवार (2 अक्टूबर) को कोलंबिया के ईआईए विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “भारत में लोकतंत्र पर पूर्ण हमला हो रहा है। यह हमारी सबसे बड़ी चुनौती है।” गांधी ने भारतीय व्यवस्था में “संरचनात्मक खामियां” का हवाला देते हुए दावा किया कि देश की विविधता—16-17 प्रमुख भाषाओं, विभिन्न धर्मों और परंपराओं—को दबाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विविध परंपराओं को जगह न दी गई, तो भारत चीन जैसी авторитар (तानाशाही) व्यवस्था की ओर बढ़ सकता है।
गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा पर भी निशाना साधा, इसे देश की बहुलतावादी संस्कृति के लिए खतरा बताते हुए। उन्होंने वैश्विक आर्थिक शक्तियों के बदलाव पर भी चर्चा की, लेकिन मुख्य फोकस भारतीय लोकतंत्र की “रक्षा” पर रहा। यह भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां कांग्रेस समर्थकों ने इसे “साहसी” बताया, तो भाजपा ने इसे “देशविरोधी प्रचार” करार दिया।
भाजपा का हमला: ‘युवाओं को भड़काने का षड्यंत्र’
हुसैन का बयान राहुल गांधी के हाल के एक अन्य बयान से भी जुड़ता है, जिसमें उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा था, “देश के युवा, छात्र और जेन जेड संविधान की रक्षा करेंगे, लोकतंत्र बचाएंगे और वोट चोरी रोकेंगे। मैं हमेशा उनके साथ हूं।” भाजपा ने इसे युवाओं को राष्ट्र के खिलाफ भड़काने का प्रयास बताया। हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में युवा देश पर गर्व करते हैं, जबकि कांग्रेस नेता अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी राहुल पर “शहरी नक्सल” बनने का आरोप लगाया, जबकि अन्य एनडीए नेता ने इसे नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों के युवा आंदोलनों से प्रेरित “षड्यंत्र” कहा। भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस का इतिहास ही लोकतंत्र का “हत्या” करने का है, खासकर 1975 के आपातकाल का जिक्र करते हुए।
राजनीतिक पृष्ठभूमि: विदेश यात्राओं पर विवादों का सिलसिला
राहुल गांधी की यह विदेश यात्रा उनके लिए नई नहीं है। सितंबर 2024 में अमेरिका दौरे के दौरान उन्होंने कहा था कि पिछले 10 वर्षों में भारतीय लोकतंत्र “टूट चुका” था, लेकिन अब “लड़ रहा” है। उन्होंने चुनाव के दौरान कांग्रेस के बैंक खातों को फ्रीज करने का उदाहरण देते हुए इसे सीरिया या इराक जैसी तानाशाही से तुलना की। भाजपा ने तब भी इसे “प्रोपेगैंडा” कहा था।
वहीं, हुसैन ने याद दिलाया कि आज का भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां स्वतंत्र चुनाव, स्वतंत्र न्यायपालिका और मजबूत संस्थाएं हैं। उन्होंने राहुल से सवाल किया, “यदि लोकतंत्र कमजोर होता, तो विपक्ष लोकसभा में लीडर ऑफ ओपोजिशन का पद कैसे पा जाता?”
प्रतिक्रियाएं और भविष्य की संभावनाएं
कांग्रेस ने हुसैन के बयान को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा सच्चाई से भाग रही है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “राहुल गांधी सच्चाई बोलते हैं, जो भाजपा को चुभ रही है।” अंतरराष्ट्रीय मीडिया में गांधी के भाषण को सकारात्मक कवरेज मिला, लेकिन भारत में यह राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ा रहा है।

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