बिहार जातीय गणना: हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का रोक लगाने में क्या आया फैसला
न्यूज डेस्क
बिहार में जातीय गणना को लेकर जहां राजनीतिक खींचतान जारी है। वहां कोर्ट में भी इस मामले पर सुनवाई हो रही है । इसी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दिन पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे संजय करोल ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने के बाद जातीय जनगणना की याचिका की सुनवाई की पीठ में रहने की वजह से खुद को इससे अलग कर लिया था।
संजय करोल के अलग करने के बाद इस मामले की सुनवाई गुरुवार को हुई। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई न्यायाधीश अभय एस ओका और राजेश बिंदल की पीठ ने की राज्य सरकार के अधिवक्ता के द्वारा यह दलील दी गई कि यह आर्थिक सर्वे का काम कराया जा रहा है। इस पर रोक लगने से नुकसान होगा। वही न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि इस बात की जांच करानी होगी कि सर्वे के आर में कहीं जनगणना तो नहीं किया जा रहा।
न्यायाधीशों ने कहा कि यह स्पष्ट किया जा रहा है कि यह कोई ऐसा मामला नहीं है कि इसमें हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया जा सके।
यह भी कहा कि 3 जुलाई को पटना के हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है।