इस गए प्रकार के फल की करिए खेती, लग जायेगी आपकी भी लॉटरी, गजब
शांति भूषण मुकेश/कृषि संपादक
इस फल की करें खेती आमदनी होगी भरपूर*
भारत के लिए बिल्कुल है नया बिहार में इसकी काफी है संभावनायें
आज हम जिस पल की बात कर रहे हैं इसका नाम है लोंगन । जी हां लोंगन एक ऐसा फल है जो लीची, आम के बाद फलने वाला एक अद्भुत फल है । जब बाजार बिल्कुल फलों से खाली सा हो जाता है और जब बाजार में ताजे फल बिल्कुल ही नहीं होते हैं तब इसका सीजन आता है । वैज्ञानिक बताते हैं की लीची का सीजन जब चला जाता है तब आप लोंगन के स्वाद का मजा ले सकते हैं लोंगन का फल और इसका स्वाद लगभग लीची की तरह ही होता है ।
अगस्त में यह फल पक कर तैयार हो जाता है । इसका पेड़ भी लीची के जैसा ही दिखता है और पेड़ लगाने के 2 साल में फल भी आने लगते हैं । अब बात करें बिहार की तो राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के निदेशक डॉक्टर विकास दास बताते हैं कि बिहार में इस फल की खेती की जा सकती है। हमारे वैज्ञानिक शोध यह बताते हैं की बिहार में इसकी काफी संभावना है और आज भारत के जो प्रमुख शहर हैं वहां इसकी कीमत भी अच्छी मिल जाती है। बिहार की जमीन और जलवायु दोनों लोंगन की खेती के लिए अनुकूल मानी जाती है।
डॉक्टर विकास कहते हैं कि इसमें कई ऐसे स्वास्थ्यवर्धक पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो इंसानों के स्वस्थ रहने में काफी मददगार साबित होते हैं । लोंगन की खेती पर शोध कर रहे डॉ सुनील कुमार कहते हैं कि इसमें मौजूद प्रोटीन राइबोफ्लेविन ओमेगा-3 और omega-6 जैसे कई पोषक तत्व मौजूद है जो मनुष्यों को स्वस्थ रखने में काफी मददगार होते हैं । इसमें पोटेशियम की मात्रा काफी पाई जाती है ।
यह फल लोगों के मोटापे में भी बेहतरीन काम करता है। रिपोर्ट बताता है कि राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने पूरे एक दशक के शोध के बाद लोंगन का विकास किया है। यह फल थाईलैंड चीन मलेशिया वियतनाम आदि देशों में बहुतायत में पाया जाता है लेकिन अब इसकी खेती बिहार में भी अनुकूल माने जा रही है । कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर सुनील के अनुसार यह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से भी बचाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों पर भारत में भी शोध कार्य हो रहे हैं। लोंगन को इम्यूनिटी बूस्टर भी माना जाता है और कोरोना से बचने में इस फल का सेवन काफी बेहतरीन माना गया है।