भारत की आजादी का इतिहास, महात्मा गांधी भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई में योगदान
न्युज डेस्क
भारत की आजादी का इतिहास एक उल्लेखनीय महत्व रखता है। भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य के उपद्रव से निजता प्राप्त करने के लिए दिन-रात संघर्ष किया था। भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई 1857 के सिपाही विद्रोह से शुरू हुई थी। यह विद्रोह ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्थानीय राजाओं और सिपाहियों द्वारा शुरू किया गया था, लेकिन यह विद्रोह नाकाम रहा।
स्वतंत्रता आंदोलन का असली आरंभ 1885 में बॉम्बे में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बैठक से हुआ। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशक्त मुहिम चलाई और भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।
स्वतंत्रता आंदोलन में कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने भूमिका निभाई, जैसे महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू और भगत सिंह।
स्वतंत्रता आंदोलन का अधिकांश समय गांधीजी ने अपने अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों के माध्यम से चलाया।
महात्मा गांधी भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक थे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अनशन, सत्याग्रह और अहिंसा के माध्यम से लड़ाई चलाई।
गांधीजी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए कई आंदोलन चलाए, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण थे नमक सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, काला धन आंदोलन, बंदी मुक्ति आंदोलन, खिलाफत आंदोलन आदि।
गांधीजी ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान देश भर में अपने संदेश फैलाने के लिए अनेक यात्राएं कीं। उन्होंने भारतीयों को सत्य, अहिंसा और एकता के महत्व को समझाया।
गांधीजी ने नमक सत्याग्रह के माध्यम से भारतीयों को आंदोलन में जुटाया। इस आंदोलन में गांधीजी ने संसद भवन तक का मार्च किया और नमक का उत्पादन करने वालों का अहिंसक विरोध किया।
गांधीजी के अहिंसक आंदोलनों ने भारत की स्वतंत्रता के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।