धूल में मिलती धरोहर (मशहूर लेखक जॉर्ज ऑरवेल के जन्मदिन पर)
धूल में मिलती धरोहर (मशहूर लेखक जॉर्ज ऑरवेल के जन्मदिन पर) लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं खटर…पटर…खटर….पटर…पटर…खटर….। सुबह के 6 बज गए हैं। ट्रेन में कोई कितना सोए। कहीं से मोबाइल की ऊंची आवाज़ सुनाई दे रही है।…